जगजननी जय जय आरती pdf

जगजननी जय जय आरती हिंदू धर्म में माता दुर्गा को समर्पित एक लोकप्रिय आरती है। यह आरती माता के विभिन्न रूपों और उनकी शक्ति की स्तुति करती है। ‘जगजननी’ का अर्थ होता है ‘सबकी जननी’, यानी संसार की माता। यह आरती माता को सर्वशक्तिमान और दयालु देवी के रूप में दर्शाती है।

आरती के प्रमुख बिंदु

  • माता के विभिन्न रूप: आरती में माता के विभिन्न रूपों जैसे काली, दुर्गा, पार्वती आदि का वर्णन किया गया है।
  • माता की शक्ति: आरती में माता की असीम शक्ति और उनके दिव्य गुणों का वर्णन किया गया है।
  • भक्तों की प्रार्थना: आरती में भक्त माता से आशीर्वाद और सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं।

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जगजननी जय जय आरती lyrics hindi

तू ही सत-चित-सुखमय, शुद्ध ब्रह्मरूपा ।
सत्य सनातन सुन्दर, पर-शिव सुर-भूपा ॥
जगजननी जय जय..॥

आदि अनादि अनामय, अविचल अविनाशी ।
अमल अनन्त अगोचर, अज आनँदराशी ॥
जगजननी जय जय..॥

अविकारी, अघहारी, अकल, कलाधारी ।
कर्त्ता विधि, भर्त्ता हरि, हर सँहारकारी ॥
जगजननी जय जय..॥

तू विधिवधू, रमा, तू उमा, महामाया ।
मूल प्रकृति विद्या तू, तू जननी, जाया ॥
जगजननी जय जय..॥

राम, कृष्ण तू, सीता, व्रजरानी राधा ।
तू वांछाकल्पद्रुम, हारिणि सब बाधा ॥
जगजननी जय जय..॥

दश विद्या, नव दुर्गा, नानाशस्त्रकरा ।
अष्टमातृका, योगिनि, नव नव रूप धरा ॥
जगजननी जय जय..॥

तू परधामनिवासिनि, महाविलासिनि तू ।
तू ही श्मशानविहारिणि, ताण्डवलासिनि तू ॥
जगजननी जय जय..॥

सुर-मुनि-मोहिनि सौम्या, तू शोभाऽऽधारा ।
विवसन विकट-सरुपा, प्रलयमयी धारा ॥
जगजननी जय जय..॥

तू ही स्नेह-सुधामयि, तू अति गरलमना ।
रत्‍‌नविभूषित तू ही, तू ही अस्थि-तना ॥
जगजननी जय जय..॥

मूलाधारनिवासिनि, इह-पर-सिद्धिप्रदे ।
कालातीता काली, कमला तू वरदे ॥
जगजननी जय जय..॥

शक्ति शक्तिधर तू ही, नित्य अभेदमयी ।
भेदप्रदर्शिनि वाणी, विमले! वेदत्रयी ॥
जगजननी जय जय..॥

हम अति दीन दुखी माँ!, विपत-जाल घेरे ।
हैं कपूत अति कपटी, पर बालक तेरे ॥
जगजननी जय जय..॥

निज स्वभाववश जननी!, दयादृष्टि कीजै ।
करुणा कर करुणामयि! चरण-शरण दीजै ॥
जगजननी जय जय..॥

जगजननी जय! जय!! माँ! जगजननी जय! जय!!
भयहारिणि, भवतारिणि, माँ भवभामिनि जय! जय ॥
जगजननी जय जय..॥

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Jag Janani Jay Jay lyrics English

Jagajanani jay jay, man jagajanani jay jay

Bhayaharini, bhavatarini, bhavabhamini jay jay

Jagajanani jay jay

Tu hi sat chit sukhamay shuddh brahmarupa

Saty sanatan sundar par shiv sur bhupa

Jagajanani jay jay

Adi anadi anamay avichal avinashi

Amal anant agochar aj anandarashi

Jagajanani jay jay

Avikari, aghahari, akal, kaladhari

Kartta vidhi, bhartta hari, har sanharakari

Jagajanani jay jay

Tu vidhivadhu, rama, tu uma, mahamaya

Mul prakrti vidya tu, tu janani, jaya

Jagajanani jay jay

Ram, krshn tu, sita, vrajarani radha

Tu vanchhakalpadrum, harini sab badha

Jagajanani jay jay

Tu hi sneh sudhamayi, tu ati garalamana

Rat‍‌navibhushit tu hi, tu hi asthi-tana

Jagajanani jay jay

Tu paradhamanivasini, mahavilasini tu

Tu hi shmashanaviharini, tandavalasini tu

Jagajanani jay jay

Sur-muni-mohini saumya tu shobha dhara

Vivasan vikat sarupa, pralayamayi dhara

Jagajanani jay jay

Tu hi sneh sudhamayi, tu ati garalamana

Rat‍‌navibhushit tu hi, tu hi asthi-tana

Jagajanani jay jay

Muladharanivasini, ih par siddhiprade

Kalatita kali, kamala tu varade

Jagajanani jay jay

Shakti shaktidhar tu hi nity abhedamayi

Bhedapradarshini vani vimale vedatrayi

Jagajanani jay jay

Ham ati din dukhi man vipat jal granthiyan

Kaput ati kapati hain, par balak tere

Jagajanani jay jay

Nijavash svabhav janani dayadrshti kijai

Karuna kar karunamayi charan-sharan dijai

Jagajanani jay jay

Jagajanani jay jay, man jagajanani jay jay

Bhayaharini, bhavatarini, bhavabhamini jay jay

Jagajanani jay jay

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